धीरे-धीरे कांटो भरी राहों से चलकर मंजिल तक पहुंचने से जो खुशी मिली है उसे शब्दों में बयान करना आसान नहीं होगा
एक दिन अपने मन से सवाल किया ऐ जिंदगी तेरी तलाश में भागता रहा इधर-उधर ठहरकर अपने आस-पास खुद को सुकून मिल पाया है
HINDI SHAYARI, SHAYARI SANGRAH, SHAYARI MASTI, ACCHI SHAYARI, SHAYARI MANORANJAN, MANOJ KUMAR