LOVE SHAYARI SANGRAH
हर वक्त प्यार का एहसास दिल को गुदगुदाने लगा है इश्क की ख्वाहिशों का जुनून छाने लगा है धीरे-धीरे जिंदगी में खुशियों का मुकाम आ गया मोहब्बत में चाहतों के सफर का भरपूर आनंद लेने लगा हूं
जो बेवजह रूठ जाने की आदत है इसी अदा से हैरान रहता हूं आजकल बिना कोई गलती माफी मांगना पड़ता है बैठकर सोचता हूं क्या फैसला करूं उसका ही पक्षपात दिल करने लगा है इसमें कोई शक नहीं है मुझे सच्चा प्यार होने लगा है
मीठी मीठी बातों से प्यार के मदहोशी का जाम पिलाने लगी है इश्क का खुमार ऐसा चढ़ा है हर वक्त नशे में रहने लगा हूं उम्र भर साथ रहने का इंतजाम हो जाए फिर जिंदगी की सभी मुश्किलों से आराम हो जाए
जो कहती हो वही काम करता हूं हर पल खुशियों का इंतजाम करता हूं तुम्हारी उदासी बर्दाश्त नहीं होती है परेशानियों का हल ढूंढना मेरा पहला उद्देश्य रहता है
अपनी अदाओं से दिल का करार ले गई वादों से मोहब्बत का ख्वाब दे गई मन खुशियों की उड़ान भरने लगा है जिंदगी में प्यार का खूबसूरत एहसास दे गई
प्यार भरी मुस्कान से इश्क करने की इजाजत देने लगी है कोई न कोई बहाने से करीब होने लगी है हर लम्हा ख्वाबों खयालों में जीने लगा हूं लग रहा है सभी अधूरी ख्वाहिशें पूरी हो जाएंगी
मुझे मोहब्बत हो गई है दिल में बस गई हो नजरें हर तरफ ढूंढती है तुम बिन गुजारा हो नहीं पाएगा मेरे ख्वाब को हकीकत में बदल सकती हो
उम्र भर साथ चलने का वादा करो जो टूटे न कभी ऐसा रिश्ता जोड़ने का इरादा करो मेरे चाहतों से बेपरवाह रहती हो मुझे प्यार करने लगोगी जिस दिन मन की सादगी से रूबरू हो जाओगी
उसकी लफ्जों में बेहद मिठास रहती है अगर चुप भी रहे आंखों से दिल की बात कहती है धीरे-धीरे एक दूजे से खुलने लगे हैं प्यार का इजहार होने लगा है आजकल कोई न कोई बहाने से मुलाकात होती है
रिश्तो में दरार नहीं चाहता हूं वही पुराना मिठास चाहता हूं अपने संबंधों को खुलेआम कर दो अब नहीं प्रतिबंधों की कोई वजह चाहता हूं
तुम्हारी यादों में दिन रात कटने लगा है जिंदगी में प्यार का ख्वाब सजने लगा है जहां तनहाइयां बिखरी रहती थी अंतर्मन में खुशियों का दस्तक होने लगा है
रूह में प्यार बनकर उतरने लगी हो तुम्हारी मोहब्बत से मेरा वजूद है अकेले में गुजारा नहीं होगा मैं बेजान हो जाऊंगा अगर तुम्हारे प्यार का सहारा नहीं होगा
जो बिगड़े हुए हो सुधर जाओगे जब मेरी जज्बातों की मार पड़ जाएगी खामोश रहकर चोट ऐसा करूंगी धोखा देने की आदत छूट जाएगी
इधर-उधर घुमाना छोड़ दो तुम्हारा इरादा क्या है सब जानती हूं शक की दीवारें यूं ही नहीं उठी है हकीकत ज्यादा देर तक छुपा नहीं पाओगे जो सहूलियत का नाजायज फायदा उठा रहे हो अब तुम्हें हर राज से पर्दा उठाना पड़ेगा